मेरी पैह्चान मेरे नाम से नहीं होती है आज कल ,तुझे देखकर भी मेरा जिक्र सरे आम रहा
लाख मैंने बताया अपने बारे में सबको पर सच तो ये है खुद मुझसे मेरा अक्स अनजान रहा
कई रंग दिए इस रिश्ते को जमाने ने मगर सादगी उनको दिल कि क्या दिखाते हम
पाक होते है रिश्ते बस फर्क नजरो का है .... कुछ जिसे नाम देकर हस्ते है किसी के लिए वो दुआओं का दूसरा नाम रहा
लाख मैंने बताया अपने बारे में सबको पर सच तो ये है खुद मुझसे मेरा अक्स अनजान रहा
कई रंग दिए इस रिश्ते को जमाने ने मगर सादगी उनको दिल कि क्या दिखाते हम
पाक होते है रिश्ते बस फर्क नजरो का है .... कुछ जिसे नाम देकर हस्ते है किसी के लिए वो दुआओं का दूसरा नाम रहा