दस्तूर

"बुनियाद ढ़य चूकी है बिखरना अभी भी बाकी है,ये जो थोड़ी सि जींदगी है तेरे साथ काफी है 
खुशियाँ हि तो बस प्यार का पैमाना नही  होती,आंसुओं मे भी  तो मोहब्बत झलक जाती है 
ज़माने से कह दो दस्तूर बदल डाले अब.......... हमसे टकराने की अब आंधियो की बारी  है …"