खामोशि...

हालांकि इस दिल की जरुरत थोड़ी थोड़ी है बस तेरे साथ की तमन्ना पर मेरा इख्तियार नहीं होता 
तू साथ तो जरूर है फिर भी तेरा इन्तजार रहता है आज कल ,ये थमा हुआ वक़्त क्यों अब पार नहीं होता 
वो लम्हे जो तेरे बिन मेरे जिन्दगी में आये ..तोड़ देंगे मुझे इतना ए ऐतबार नहीं होता 
नमी सी आ गयी आँखों में जो गुजरते वक़्त में ढूंडा तुझे पर क्यों  आन्सुऒ पे दिल का इख्तियार नहीं होता 
सोचते है खुद को बदल देंगे ,पर बदले बिना रिश्ता निभाना क्या साकार नहीं होता 
अल्फाज नहीं आज तुमसे  कुछ कहने के लिए पर खामोशियो का मतलब सिर्फ तकरार नहीं होता