आज कल...

अपने जस्बात जाताना कितना मुश्किल है आज कल
जन्हा  कहने कि तमन्ना थी वंहा इनका जिक्र फसानों  कि तरह आये  है
हंसी आती है जिंदगी के इस मोड़ पर
जब दोस्तों कि जरुरत थी तो  जहन में सारे नाम बेगानो कि तरह आये है
दर्द सबको है बस जताने का अंदाज अलग रहा
कुछ ने इससे मान लिया किस्मत समझ कर तो कुछ बगावत कर मैखाने कि तरफ आये है