अंजाम ...

शुरुवात हसीं थी दोस्ती की मगर बस अंजाम ने बेरुखी पे ला दिया है आज
कदम कदम पे कोई अपना छूटता रहा है मुझसे बस तन्हाइयो ने जीना सीखा दिया है आज !!