सजा...

हर कोई देने  लगा है सजा मुझको ना जाने कितनो के गुनहगार बन गए है
सुना है हमारी मुस्कराहट से उनके दिल चुभते हैं  अब ,लो खुशियां जला  कर अपनी बेजार बन गये है  ...