खनक .....

पैरो को पायल की खनक चाहिए थी घुंगरू बंधे तो हम कोठो के हकदार हो गए
 मुस्कराहट ने ही तो रख्ही है अब तक आंसुओ कि लाज वरना टुकड़ो में तो कई बार तार तार हो गए
दिल ए हाल पे हमको आ ही जाती है हंसी
की रिश्ते  निभाते निभाते ही हम नीलाम हो गए .......