दोस्ती- एक एहसास

हर रिश्ता दिया था खुदा ने विरासत में मुझे,
एक दोस्ती का रिश्ता मैंने कमाया है
बेजान सी जा रही थी जिन्दगी मेरी
तुने आकर इस जिन्दगी में नया मोड़ लाया है
कई रिश्तो ने दिया था मुझे आंसुओ का सबब
एक दोस्ती थी तेरी जिसने हसना सिखाया है
ठोकर लगी तो सोचा डगमगा जायेंगे कदम
तुने हर उस मोड़ पे आकर मुझे चलना सिखाया है
कहते है हर मोड़ पर ,हर दर्द में ,खुदा आ नहीं सकता
खुद की परछाई मिलकर उसने ये रिश्ता बनाया है
एक मौका मिला है मुझको तो कह लेने दे मुझे
तुने आकर इस जिन्दगी में मुझे..मुझसे मिलाया है 

मेरे बातो ने उसका दिल दुखाया तो होगा

मेरे  बातो ने उसका दिल दुखाया तो होगा ..ऐसे हालात पे उसे रोना आया तो होगा
बीते पल सारे जो गुजरे थे साथ कभी ..एक एक पल उसकी आँखों में उतर आया तो होगा
मेरे तस्वीर से की होगी कई बाते लेकिन ..हर बात पे उसने दिल को समझाया तो होगा
खुद से जुदा करने से पहले मेरे तस्वीर को सीने से लगाया तो होगा .....

वो जो है मुझसे फासलों पे आज

वो जो है मुझसे फासलों पे आज ,हर पल शुरू और  ख़तम होता था उसी पर 
वक़्त भी लाते है कई मोड़ जिन्दगी में
जिन्हें रखना चाहते है नजरो के सामने ..फासले भी अक्सर आ जातें है वन्ही पर