महफ़िल


वो जिनकी मोहब्बत में जिंदगी गुजर गयी वो बैठे है हमसे युँ नजरो को चुरा कर
दिल तोड़ने वाले तुझे क्या सजा दूँ बता दिल खुद अपना दुखाया है हमने किसी पत्थर से लगा कर
मेरी वफ़ा का तेरी नजरो में कोई मोल था ही कन्हा
एक दांव लगा ले तुभी मुझे महफ़िल में बिठा कर .......