ए जिन्दगी गिला करे तो क्या करे इस मोड़ पे

ए जिन्दगी गिला करे तो क्या करे इस मोड़ पे
कभी ख़ुशी से ज्यादा दे दिया तो कभी खोने को भी कुछ ना रहा 
कभी दोस्तों की भीड़ थी तो कभी एक दोस्त ना मिला
कभी चांदनी सी लगी ये  रात, तो  कभी चांदनी से दिल जला
कभी मिल गया मांगे बिना ..कभी पाकर सब कुछ खो गया
तु दूर है तू पास है ,,तू पास होकर दूर है
हर मोड़ पे हर दौर में य़े एक सिलसिला कायम रहा
ए जिन्दगी गिला करे तो क्या करे इस मोड़ पे