उड़ान

तेरी उड़ान तेरे हौसलों की हीं तरह बरक़रार रखना,मेरे दोस्त
रास्ते में सामना बिजली से भी हो सकता है 
कामयाबी की तरफ कदम रखना संभाल के 
की आदमी जमीं पे रौशनी से भी गिर सकता है 

दिल ऐ बेजार

ये बेचैनी ,ये खयाल ,ये गुमसुम सा दिल आज मेरा क्यों है 
उसे कंही खो ना दु... दिल में ये सवाल क्यों है 
अभि तो उसका हाँथ मेरे हाँथो मे है ,अभि तो मेरी आँखों को उसका दीदार भी है 
अभि अभि तो सिने से उसको लगाया मैंने ...... अभि तो उसके आने का इन्तजार भी है 
अभि तो मिली हूँ जिंदगी से एक अरसे के बाद ,अभि तो मेरी साँसों पे उसे इख्तियार भी है 
वो जो देखने की उसको एक आदत सी बना ली मैंने ,ये आदत ही जान लेगी ये एहसास भी है 
ये जानते थे कि एक रोज वो चला जाएगा.... फिर भी दिल उस्से लगाने कि खता की है 
कुछ लम्हे ही जी लु तो काफी है मोहब्बत में ...... कल का अंजाम सोच के ऐ दिल,तु अभि से इतना बेजार क्यों है